बाल मृत्यु दर 39 प्रति
हज़ार जीवित जन्म (SRS 2016) से 23 प्रति हज़ार जीवित जन्म लाना
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2019 का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। बाल्यकाल
में आज भी दस्त रोग बहुत से जिलो में 5 वर्ष से कम उम्र में होने
वाली मृत्यु का महत्वपूर्ण कारण है, हमारे देश में लगभग 10% मृत्यु
इस रोग के कारण होती है। देश में लगभग एक लाख बच्चे प्रतिवर्ष
दस्त रोग के कारण मर जाते है। दस्त से होने वाली ये मृत्यु प्राय
गर्मी/मानसून के मौसम में होती है और सामाजिक एवं आर्थिक रूप से
कमजोर बच्चो में इसका सबसे बुरा प्रभाव पड़ता है।
दस्त एवं उसके कारण होने वाले निर्जलिकरण से होने वाली मृत्यु
को ORS एवं ज़िंक की गोली के उपयोग के साथ पर्याप्त पोषण द्वारा
रोका जा सकता है। साथ ही दस्त की रोकथाम के लिए पीने के लिए साफ
पानी का प्रयोग, समय-समय पर हाथ को पानी एवं साबुन से धोना, स्वछता
, समय पर टीकाकरण , स्तनपान एवं पर्याप्त पोषण लेना जरूरी है।
दस्त रोग से होने वाली मृत्यु अभी भी बहुत अधिक होने के कारण 2014,
2015, 2016, 2017 एवं 2018 की भांति इस वर्ष भी दिनांक 28 मई से
09 जून 2019 तक सशक्त दस्त नियंत्रण पखवाड़ा (IDCF) आयोजित किया
जाना है, जिसका लक्ष्य बाल्यकाल में दस्त से होने वाली मृत्यु
को शून्य करना है।
सशक्त दस्त नियंत्रण पखवाड़ा (IDCF) के अन्तर्गत ऐसी कुछ गतिविधियां
है जो की दिनांक 28 मई से 09 जून 2019 तक एक अभियान के रूप में
समस्त जिलो में चलायी जानी है। इन गतिविधियों में दस्त रोग के
प्रबंधन में ORS एवं ज़िंक के प्रयोग के बारे में जन- जागरूकता
फैलाना, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की दस्त रोग के दौरान दी जाने
वाली सेवाओं एवं प्रबंधन के बारे में कौशल वृद्धि करना, समस्त
स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी में ओआरएस-ज़िंक कोर्नर की स्थापना,
आशा द्वारा 5 वर्ष से छोटे सभी बच्चों के घरों में जाकर ORS के
पैकेट का वितरण एवं बनाने की विधि का प्रदर्शन, साफ सफाई एवं स्वच्छता
के बारे में जानकारी देना है।